mucormycosis treatment
आज मैं आपको मालूम है उसे फंगल इन्फेक्शन के बारे में जानकारी दूंगा। वो फंगल इन्फेक्शन जिसके बारे में आप जानना चाहते हैं और जिसके बारे में आप बहुत सुन रहे हैं और डर भी रहे हैं।, आशा करता हूँ की बहुत अच्छा नॉलेज आपको मिलेगा। ये पूरी तरीके से नॉलेजेबल अर्टिकल है। आखिर तक जरूर पड़े और आपको पूरी जानकारी। मिले तो चलिए शुरू करते। दोस्तों आपको बताइए की एक तरह का फंगल इन्फेक्शन है जो कि न्यूक्लियस नाम के फंगस के कारण होता है। ये पहले काफी रेयर डिज़ीज़ थी। अलग इतनी तो रेयर नहीं है लेकिन फिर भी रेयर थी। आपने कभी सुना नहीं था लेकिन इस समय बहुत ज्यादा सुन रहे हैं, ये क्यों सुन रहे हैं? क्योंकि जो इन्फेक्शन। भी हो रहा है और उसमें जो ट्रीटमेंट चलते हैं और इन्फेक्शन और ट्रीटमेंट दोनों ही के कारण हमारी बॉडी की इम्युनिटी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और यह फंगल इन्फेक्शन उसी के बॉडी में अटैक करता है जिसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बहुत ज्यादा कम होती है। जैसे की डाइअबेटिक पेशेंट जैसे की एचआइवी पेशेंट ऐसे पेशेंट जिनकी ज्यादा में थोड़ा कम की बात नहीं कर रहा हूँ। बहुत ज्यादा कम है तुम उसके पहले जो है वो डाइअबेटिक पेशेंट खासकर काफी अगर ब्लड शुगर बढ़ाओ और बहुत ही दिनों तक ब्लड शुगर बढ़ा हो तो मिट्टी कम हो जाती है। उन लोगो को होता था एड्स की कंडिशन में होता था। लेकिन अभी जो है यह समय इन्फेक्शन और खासकर इन्फेक्शन के साथ साथ होने वाली। बहुत सारी मैडिसिन जो की बहुत जरूरी होती है। ऐसा नहीं है कि जरूरी नहीं होती, जरूरी होती है। लेकिन मेडिसिंस और इन्फेक्शन के कारण इमोनिटी कम होती है और ये फंगस जो है आगे इन्फेक्शन कर देता है। आपको समझ में आ गया होगा इसका कॉस्ट कारण हमें इसके सीधे साइन सिम्पटम्स बताता हूँ साइंड सिम्पटम्स से पहले आपको टाइम जाना पड़ेगा दूसरा ये फंगस आपके शरीर में कहीं पर भी हो सर। मोस्टली जो है ये साइनस में पाया जाता है। अगर साइनस में हुआ तो ब्रेन तक जाता है और उस समय आपको क्या क्या होगा? ये तो ऑफिशियल्स वेल्डिंग हो जाएगी। आपका चेहरा सोच आएगा, उसके साथ साथ आपको हेडेक होगा। सर दर्द होगा, नीज़ और साइनस कन्क्लूशन होगा। साथ ही साथ आपको हल्का फीवर होगा। अगर ये फंगस आपके लक्स्षण चला जाए मतलब पल्मोनरी इन्फेक्शन हो और पल्मोनरी न्यू मायूस हो तो आपको फीवर होगा, हल्का होगा, उसके साथ पेन होगा और साँस लेने में तकलीफ होगी। अगर ये फंगल इन्फेक्शन आपके स्किन में हो और खासकर आँखों के आसपास आँखों के आइलेट्स के आसपास अगर यह फंगल इन्फेक्शन होता है जो कि देखने को भी मिलता है तो उस समय क्या होगा?
mucormycosis treatment
देखिये सबसे पहले ये जो फंगल इन्फेक्शन है समझने की जरूरत है। यह फंगस हमारे स्किन में जो ब्लड वेसल्स होती है जो खून की नलियां होती है, छोटी छोटी, छोटी छोटी वहाँ पर जाके ये फंगस ग्रो करने लगता है और ब्लड वेसल्स में जाके इन्फेक्शन करके उसे ब्लॉक करने लगता है। क्या होता है? सूजन आ जाती है। सूजन आएगी, रेडनेस होगी और जो ब्लड वेसेल्स ब्लॉक होंगे तो आसपास के जो सेल्स होते हैं, जो कोशिकाएँ होती है वो मरने लगती है और जब कोशिकाओं मरती है, एरिया ब्लैक होने लगता है तो सबसे पहले रेडनेस आएगी, सूजन आएगी और उसके बाद काला बनाएगा तो ये लक्षण होते हैं तो इसमें। आपको यही चीज़ देखने को मिलेंगी।
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वहाँ पर हल्का पोस्टर्स, सूजन, आजाती हल्के अल्सर्स होते हैं और धीरे धीरे रेडनेस के बाद स्किन है वो काला पड़ जाता है। इसलिए हम इसे ब्लैक फंगल इन्फेक्शन भी बोलते हैं और ब्लैक फंगस बोलते हुए काला पड़ जाता है। और काला क्यों पड़ता है क्योंकि सेल्स मरने लगते है? ब्लड की कमी के कारण तो यह फंगल इन्फेक्शन मुस्लिम हमारे लंकस में होता है। हमारे पेन में जा सकता हालांकि कहीं भी जा सकता है। पेट में भी ये फंगल इन्फेक्शन हो जाता है। पेट में अगर वो तो पेट में दर्द, नॉजि़या, वोमिटिंग और ऑपरेटिंग वगैरह हो सकती है। लेकिन ये सब जानने के बाद आपको डरने की जरूरत नहीं है। बहुत ही रेयर है और इतना टेंशन लेने की जरूरत नहीं है।
mucormycosis treatment in hindi
आप लोगो को तो मत सिर्फ एजुकेशन पर्पस से ये वीडियो जरूर देखिएगा। आप सीधा चलते हैं ट्रीटमेंट की तरफ। आप मुझसे हमें एक मेडिसिन पूछेंगे तो मैं आपको एक डिस्क्लेमर देता हूँ की ये काफी नया इन्फेक्शन और मेरे क्लीनिक में अभी तक कोई पेशेंट नहीं आया तो मैं जो भी मैडिसिन आपको बता रहा हूँ उस सिम्पली जो मैडिसिन के सिम्पटम्स होते हैं और जो डिस इसके सिम्टम्स है उसको मैच करके और जो पैथोलॉजिकल कंडिशन है, उसको मैच करके मैं कुछ मेडिसिन्स आपको बताने की कोशीश करूँगा।
mucormycosis treatment in hindi
पहली मैडिसिन है आर्सेनिक एल्बम आप जानते हैं जो स्किन है वो काफी ब्लैक हो जाती है और इस फंगल इन्फेक्शन में भी काफी ब्लैक हो जाती है और नोर्मल्ली आर्सेनिक एल्बम फंगल इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए बहुत ही बढ़िया मेडिसिन है, तो आर्सेनिक एल्बम जरूर इस फंगल इन्फेक्शन में असर करनी चाहिए और आर्सेनिक अलबम आप 36% पोटेंसी ही यूज़ कर सकते हैं।आर्सेनिक एल्बम की 2 बून्द पिये ब्लैक बढ़ जाती है और एक तरह का गैंगरीन इस्कन डिश नेक्रोसिस वाली कंडिशन में आर्सेनिक अलबम थी। फैक्टर मैडिसिन और यही होता है सूजन भी होती है वहाँ पर तो आर्सेनिक अलबम आप टीसीएस पोटेंसी में? दो बूंद सुबह भी अगर आपको आर्सेनिक अलबम सिक्स मीलती है तब आप दो बूंद दिन में तीन बार लेंगे तो थोड़ा मुझे लगता है कि ज्यादा अच्छे रिज़ल्ट मिलने
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चाहिए। दूसरी जो मेडिसिन है वो थोड़ा इम्युनिटी बढ़ाने के लिए मैने बताई है और साथ ही साथ इन्फेक्शन को कम करने के लिए भी काफी मददगार होनी चाहिए तो वो मेडिसिन है। तुज़हां ऐक्चूअली में इमोनिटी को इम्प्रूव करती है और साथ ही साथ इन्फेक्शन को किसी भी तरह के फंगल इन्फेक्शन। फंगल इन्फेक्शन को रोकने में बहुत मददगार मेडिसिन है तो आर्सेनिक अलबम के साथ तुज़हां अच्छा काम करनी चाहिए। और दूसरा आप टीसीएस पोटेंसी में तो सुबह आर्सेनिक ऐल्बम 30 पोटिंंस में लीजिये एक लास्ट में मैं कॉम्बिनेशन बताने जा रहा हूँ सिंपल सा कॉम्बिनेशन आप लोगों ने हमेशा मेरे सुना होगा। और ये तरह का
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