how to fix digestive issues |
how to fix digestive issues दोस्त हमारे शरीर की सारी गतिविधि हमारेdigestiveसे जुड़ी होती हैं, इसलिए पाचन में आई कट बड़ी का असर हमारी त्वचा, बाल, आंखें, दिमाग और सभी अंदरूनी अंगों पर भी पड़ता है। पाचन प्रक्रिया में अलग अलग इंटरनल ऑर्गन एक साथ मिलकर काम करते हैं और खाये गए भोजन को बचाकर इसमें मौजूद जरूरी पोषक तत्वों से शरीर को एनर्जी प्रदान करने का काम करते हैं। जब खाया गया भोजन बहुत जल्दी या बहुत देर से पचता है, खाई की चीजें शरीर को नहीं लगती। बार बार यह बहुत कम भूख लगती है। सुबह उठते ही पेट साफ नहीं होता। ये दिनभर में बार बार फ्रेश होने जाना पड़ता है तो ऐसीस्थिति digestiveकी कमजोरी का संकेत होती है। पाचन कमजोर होने की वजह से गैस, एसिडिटी, पेट दर्द, छाती मसलन अपचन, कब्स, सरदर्द, आलस, थाइरॉयड, प्रॉब्लम, त्वचा पर दाग धब्बे और पिंपल्स, आंतों में सूजन और सड़क, एंजाइटी और स्ट्रेस, रात को नींद आना, घबराहट, पाइल्स और हड्डियों में दर्द जैसी समस्या होना शुरू हो जाती है क्योंकि जब भोजन पचता नहीं है तो यह हमारे पेट में ही सड़ने लगता है जिसकी वजह से कई तरह की बीमारी। होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। कमजोर पाचन भोजन के सभी पोषक तत्वों को एब्जॉर्ब करने में असमर्थ होता है। इसकी वजह से शरीर में हमेशा किसी न किसी न्यूट्रिशन की कमी बनी रहती है। कभी आँखों की कमजोरी तो कभी बालों का पकना और झड़ना, शरीर में ताकत की कमी और कमजोरी की शुरुआत खराब पाचन से ही होती है। इसलिए पाचन का हमेशा सही तरह से काम करना बहुत जरूरी होता है। आज के इस आर्टिकल में हम जानेगे कुछ ऐसी गलतियों के बारे में जो हमारे पाचन को खराब करने और कमजोर बनाने के लिए जिम्मेदार होती हैं और साथ ही हम बात करेंगे कुछ जरूरी टिप्स और बेहद असरदार घरेलू नुस्खों की, जिनके कुछ दिनों के इस्तेमाल से पाचन पहले से कई गुना ज्यादा मजबूत हो जाएगा और साथ ही पेट से जुड़ी हर तरह की समस्या पूरी तरह दूर हो जाएगी।
how to fix digestive issues
सबसे पहले बात करते हैं पाचन को सुधार का सवस्थ बनाने वाले कुछ असरदार नोसको की। हमारे शरीर में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के बैक्टीरिया पाए जाते हैं। वाचन के कमजोर होने की सबसे मुख्य वजह होती है पेट में अच्छे बैक्टीरिया की कमी होना। अच्छे बैक्टीरिया की कमी से पेट और आंतों में भोजन को पचाने वाले पाचक रस की कमी आ जाती है जिससे भोजन ठीक तरह से नहीं पचता और खाने के बाद पेट फूलना, भारीपन, खट्टी डकार आना अपचन एसडीपीओ गैस जैसी समस्या होने लगती है। प्रोबायोटिक फूड की श्रेणी में आता है। दही और जीरे का मिश्रण पेट में अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा को बढ़ाने और पाचन की स्थिती को सुधारने के लिए बहुत अधिक फायदेमंद होता है। एक कटोरी दही में एक चम्मच मिश्री पाउडर, आधा चम्मच भुने हुए जीरे का पाउडर और थोड़ा सा काला नमक मिलाकर रोजाना इसका दिन में खाना खाने के बाद सेवन करें। रोजाना इसके सेवन से पाचन के लिए जरूरी अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा शरीर में बढ़ती जाती है और पाचन शक्ति पहले से ज्यादा मजबूत होती जाती है।
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खाना खाने के बाद सौंफ का सेवन करने से पाचन प्रक्रिया तेज होती है और साथ ही यह हमारे मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने तथा पेट को ठंडक प्रदान करने के लिए भी बहुत उपयोगी होती है। हर बार खाना खाने के बाद एक से दो चम्मच सौंफ चबाकर खाएं। मिठास के लिए सौंफ के साथ मिश्री का सेवन भी किया जा सकता है। सौंफ खाने से मुँह में लार की मात्रा बढ़ती है। जो कि भोजन को तेजी से बचाने में बहुत फायदेमंद होती है। जिन लोगों को खाने के बाद खट्टी डकारें, ब्लोटिंग, सीने में जलन होने जैसी समस्या रहती है, उन्हें खाने के बाद सौंप जरूर खाना चाहिए। कई लोगों के पेट में पैट्रीआटिक, जूस और एसिड की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से खाना पेट में ठीक तरह से नहीं बचता। ऐसे में पहले एक पहले एक कप पानी में एक चम्मच अदरक का रस, एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिएं या फिर एक अदरक के टुकड़े को नींबू के रस में भी होकर चबा चबा कर खा ले। ऐसा करने से हमारा पेट भोजन को बचाने के लिए तैयार हो जाता है और इससे पाचक रस भी भरपूर मात्रा में बनते हैं।
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रात के भोजन के 1-2 घंटे बाद हल्दी वाले दूध का सेवन करें। सोने से पहले हल्दी वाले दूध का सेवन करने से पाचन अच्छा होता है। सुबह पेट भी खुलकर साफ होता है और साथ ही शरीर की बीमारियों से लड़ने की शक्ति भी बढ़ती है। अब बात करते हैं पाचन किन किन कारणों से कमजोर होता है। ये सबसे आम गलती है जिसपे आज 90% लोग ध्यान नहीं दे रहे हैं। क्या आप जानते हैं किसी भी चीज़ को खाते समय वो 50% हमारे मुँह में ही बढ़ जाती है और बचा हुआ 50% उसे हमारा पेट पचाता है। जल्दी बाजी में जब हम भोजन को ठीक तरह से नहीं चबाते तो बाद में हमारे पेट को इसे बचाने में काफी मेहनत करनी पड़ती है और धीरे धीरे हमारा पाचन कमजोर होने लगता है। इसलिए हमेशा भोजन धीरे धीरे और अच्छी तरह चबा चबा कर खाएं। अच्छे पाचन के लिए शरीर में पानी का भरपूर मात्रा में होना जरूरी है। जो लोग पानी कम पीते हैं उन्हें अक्सर कब्ज और अपच की समस्या रहती है। इसलिए दिनभर के दौरान कम से कम छह से सात गिलास पानी जरूर पिएं। जिन लोगों का रोजाना भोजन करने का समय निर्धारित नहीं होता, उनका पाचन हमेशा गड़बड़ाया हुआ ही रहता है।
how to fix digestive issues
कभी जल्दी कभी देर से भोजन करने से हमारा डाइजेशन पूरी तरह डिस्टर्ब हो जाता है और पेट संबंधित समस्याएं लगातार बनी रहती है। मैदे से बनी हुई चीजें हमारे पाचन की दुश्मन होती है। सफेद ब्रेड, पांव, बेकरी, फूड और बिस्किट जैसे मैदे से बनी हुई चीजों का कम से कम सेवन करें क्योंकि इनमें ग्लूटेन की मात्रा अधिक होती है जो हमारे पाचन की गति को धीमा बनाती है। इंस्टेंट कुकिंग के लिए आजकल ज्यादातर चीजें पैकेट मिलने लगी है। हमारा पेट फ्रेश यानी कि ताज़ी चीजों को ही सबसे बेहतर तरीके से पचा पाता है और ताजगी बनी चीजें ही हमारे शरीर के लिए फायदेमंद भी होती है। ज़्यादातर पैकेट में मिलने वाली चीजों को एक से 2 साल तक खराब होने से बचाए रखने के लिए जैसे बेटी का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही लंबे समय तक स्वाद बरकरार रहे। उसके लिए इनमें कई तरह के टेस्ट इनहेंसर केमिकल्स का भी इस्तेमाल होता है। इसलिए पैकेट में मिलने वाली चीजों का ज्यादा सेवन करने से हमारी पाचन शक्ति धीमी और कमजोर होने लगती है। इन सभी चीजों के अलावा खाने से जुड़े कुछ जरूरी नियम भी हैं, जिनका पालन नहीं करने से पाचन तो खराब होता ही है, साथ ही कई तरह की नई नई बीमारियां भी शरीर में पैदा होने लगती है।
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